संस्था परिचय - वैदिक ज्योतिष संस्थान - हिन्दी / ગુજરાતી

वैदिक ज्योतिष संस्थानका मूल उदेस्य आजके आधुनिक युगमें ज्योतिष तथा वास्तुशास्त्रको पहले के जीतनाही आदर पात्र बनाना एवं ज्योतिष तथा वास्तुशास्त्रको जीवंत रखना तथा निस्वार्थ भावना से यह शास्त्रोका प्रचार एवं प्रसार करना है ।

आज के युगमें यह ज्योतिष तथा वास्तुशास्त्र दोनोही शास्त्रोको लोगोने ऐसी निम्मकक्षा की कगार पर लाकर खडा किया गया है की शास्त्रो के रचयीता ओने कल्पना भी नही की होंगी ऐसी अवहेलना ईस युगमें हो रहि है , लोग ज्योतिष तथा वास्तुशास्त्रमें विश्वास करते हे ऐसा बताने में भी जीजक अनुभव करने लगे है , लोग अपने को पिछडा समजलेंगे यह डर रहता है , गुप्तता रखना चाहते है । शर्म अनुभवते है, आखीर क्यो ? क्योकि हम हमारी मूल संस्कृतिसे विमूख होते जा रहे हे, यह संस्था लोगोंके मानसपटल पर से उपरोक्त सारी झुठी गलतफहमी भेद भरम तथा डर का निर्मूलन करने का निस्वार्थ प्रयास के साथ साथ लोगोको ज्योतिष तथा वास्तुशास्त्रके निर्मल ज्ञान प्रदान करनेका ज्ञानयज्ञ चलाती है । आज ज्योतिष तथा वास्तुशास्त्र से लोगोकी अपेक्षा ईस तरह बढ गई है की जैसे समस्यांओ का तुरंत निवारण हाथोहाथ निकाल, इन सारी अंधश्रद्धासे, पूर्वाग्रहोसे बहार लाना है,ज्योतिष जैसे एलोपथी दवाई हो गोली लेते ही दर्द गायब ऐसी मानसिकता से लोगोंको बहार लाना है ।

वैदिक ज्योतिष संस्थानने ज्योतिष तथा वास्तुशास्त्रका जो यह अभ्यासक्रम बनाया हे यह वास्तवमें एक प्रकार के गणित कि गणना तथा विज्ञान ही है, संस्थाका यह अभ्याषक्रम पौराणिक द्रष्टांतो एवं उदाहरणो द्वारा अत्यंत सरल पद्धत्तिसे पढाया जाता है, यहा ज्योतिष तथा वास्तुशास्त्र तथा स्वरज्ञान के विस्तृत अभ्याषक्रम द्वारा ज्ञानदान की नि:शुल्क सेवा संस्था के मानद अध्यापको के द्वारा दी जाती है किसीभी वयके ज्ञानपिपासुं एवं जीज्ञासु बंधु भगिनयों को आमंत्रण दिया जाता है । वर्षातं परिक्षा ए लेकर प्रमाणपत्रदीया जाता है, यह शास्त्र हमें वेदोके द्वारा मिली हुई अमुल्य धरोरहर है वरदान है, हमारे भारतवर्ष के ऋषीमुनि तथा योगि योँ की कितने युगो युगोके परिश्रम का यह निचोड है इस अमृतरुपी रस का पान करे, ज्योतिष शब्दका अर्थ क्या है? ईश की ज्योत का प्रकाश के उजाले से स्वतह: तथा लोगोके जीवन में उजाला लाना है

मानद अध्यापक गण

श्री. आचार्य अशोकज।, श्री. हरीलाल मालदे, श्रीमति. वर्षा रावल, श्री. जयेश वाघेला, श्री. प्रदीप जोषी, श्री. नीतीन भट्ट, श्री. तेजश जैन, श्रीमती. प्रीती ठाकर, श्रीमति. प्रमीला पंचाल, श्री. तेजश जैन, श्री. विवेक शाह, श्रीमति. रुपल दमणीया.